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‘‘सूर्य को छूना’’
14 दिसंबर 2021 को नासा ने घोषणा की कि मानव इतिहास में पहली बार एक अंतरिक्ष यान सूर्य के वातावरण में प्रवेश कर गया है। यह पल मानव के चंद्रमा पर उतरने के समान है, जिसने अंतरिक्ष अन्वेषण को एक नई रफ़्तार दी ।
सूर्य हमसे 150 मिलियन किमी दूर हाइड्रोजन और हीलियम का एक गर्म चमकता हुआ गोला है, और पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य का बाहरी वातावरण, कोरोना, इसकी बाहरी प्लाज्मा परत की तुलना में 300 गुना अधिक गर्म है, जो अभी भी एक रहस्य है। हम कोरोना को सीधे पृथ्वी से नहीं देख सकते हैं, जब तक कि सूर्य ग्रहण न हो। विभिन्न इंजीनियरिंग चुनौतियों के कारण सूर्य हमारी पहुंच से दूर रहा है । अगस्त 2018 में नासा ने सूर्य के कोरोना और सौर हवा के रहस्यों का पता लगाने के लिए लिए ‘पार्कर सोलर प्रोब’ भेजा था । यह एक जीवित वैज्ञानिक के लिए नामित पहला मिशन है: डॉ यूजीन पार्कर, जिन्होंने 'सौर पवन' शब्द गढ़ा और उसके लिए सिद्धांत दिया। पार्कर सोलर प्रोब मानव द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे तेज अंतरिक्ष यान है। इसने शुक्र की गुरुत्वाकर्षण का कई बार इस्तेमाल किया है, जिससे कि यह सूर्य के कोरोना के अंदर जा सके और आगे के विश्लेषण के लिए नमूने प्राप्त कर सके । 28 अप्रैल 2021 को पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के चुंबकीय वातावरण में प्रवेश किया, जो कि सूर्य के प्रकाशमंडल से 13 मिलियन किमी ऊपर था और सूर्य के अनौपचारिक संपर्क में था। पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव को मापा और आवेशित कणों का नमूना लिया। इस दौरान पार्कर सोलर प्रोब को आवेषित कणों के झुण्ड से टकराना पड़ा।
(https://www.youtube.com/watch?v=IQXNqhQzBLM&t=13s). और पढ़ें............